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शनिवार, 11 अप्रैल 2015

कविता-१०९ : "शब्द मुझे दे दो..."

तुम वो शब्द मुझे दे दो...

जिसमे लिख दूं मै समेटकर
उसकी पीड़ा, इसका दर्द
और तुम्हारी जरुरत...

मेरा छोड़ दो, मेरा कुछ नहीं...
क्या लिखूंगा अपना
भला शून्य जो हूँ मै...

तुम तो बस वो शब्द मुझे दे दो
अब दे ही दो ना...!!!

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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________

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